खुसखबरी यूपी पेट सर्टिफिकेट की वैधता इतने साल बड़ी? – UPSSSC PET Certificate News

UPSSSC PET Certificate News : उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन कराया जाना बाकी है। इस बीच यूपीएसएसएससी पेट सर्टिफिकेट (upsssc pet) को लेकर एक बड़ी अपडेट निकल कर आई है। जैसा कि आप सभी जानते हैं प्रारंभिक अर्हता परीक्षा 2022 का आयोजन सफलतापूर्वक कराया जा चुका है और आयोग ने इसके लिए रिजल्ट जारी कर दिया है। लेकिन अब आगे सर्टिफिकेट की वैधता के आधार पर आने वाले पेट एग्जाम होंगे। जिसके सर्टिफिकेट को लेकर एक नई अपडेट जारी हुई है। दरशल लगातार अभ्यर्थियों द्वारा मांग की जा रही है कि यूपी टेट सर्टिफिकेट की वैधता बढ़ाई जाए। इसके अलावा अभ्यर्थियों की यह भी मांग रखी जा रही है कि, क्वालीफाई नंबर निर्धारित किए जाएं। जिसे लेकर बड़ा अपडेट आ चुका है आगे जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से शेयर की जा रही है।

UP PET की वैधता पांच वर्ष तक बढ़ाने को लेकर मांग

जिस तरह टेट सीटेट सर्टिफिकेट की मान्यता 5 वर्ष के लिए होती है अभ्यर्थी द्वारा मांग की जा रही है कि पेट सैटिफिकेट की वैधता 5 साल कर दी जाए। इसे लेकर अभ्यर्थियों का कहना है कि समय पर भर्तियां ना निकलने के कारण हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और कई बार फिर से प्रारंभिक अर्हता परीक्षा देना पड़ता है। जानकारी के लिए बता दें वर्तमान में प्रारंभिक अर्हता परीक्षा प्रमाण पत्र की वैधता केवल 1 साल के लिए मान्य है। जिस से लेकर अभ्यर्थी द्वारा लगातार मांग की जा रही है कि सर्टिफिकेट की वैधता को बढ़ाकर 3 या 5 साल कर दिया जाए। जिससे उन्हें बार-बार आवेदन नहीं करना पड़े और परीक्षा न देनी पढ़े।

तय किया जा सकता है कॉमन कटऑफ

प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा 2023 के लिए कॉमन कटऑफ को लेकर भी यहां पड़ी अपडेट निकल कर आ रही है। क्योंकि कॉमन कटऑफ को लेकर सभी अभ्यर्थियों के बीच नाराजगी है। उनका कहना है कि, हर बार अलग-अलग कट ऑफ आने के कारण हमें काफी दिक्कत एवं परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि आने वाली प्रारंभ अर्हता परीक्षा के लिए एक क्वालीफाई नंबर निर्धारित हो जाए तो हमारी कई तरह की समस्याएं समाप्त हो जाएगी। साथ ही हमें यह भी पता चल जाएगा कि पेट परीक्षा पास करने के लिए कितने अंक लाना होगा। ताकि हम सभी छात्र अपना लक्ष्य निर्धारित कर सकें और उसी हिसाब से अपनी तैयारी कर सकें। इसलिए कहा जा रहा है कि सरकार एवं आयोग इन दोनों डिमांड पर जल्द निर्णय ले सकता है। क्योंकि सवाल लाखों अभ्यर्थियों का है ऐसे में सरकारी आयोग को जल्द से जल्द कोई फैसला लेना ही होगा।

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