MP Seekho Kamao : मध्य प्रदेश सरकार ने बेरोजगार युवाओं के लिए “मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना” को शुरू किया है, जिसका उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्राप्त करने के लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करना है। योजना में अब तक लगभग 3 लाख 58 हजार 346 युवाओं ने अपना पंजीयन करवाया है। सागर जिले से 19 हजार से अधिक युवा पंजीकृत होने के कारण यह जिला योजना के तहत सबसे अधिक पंजीकृत युवा जिले के रूप में उभरा है।
MP Seekho Kamao: जिन्होंने ने नहीं किया 31 जुलाई तक कर लें आवेदन
MMSKY (Mukhyamantri Kaushal Samvardhan Yojana) की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अब तक योजना के अंतर्गत 40,495 (42,495) रिक्त पदों की संख्या हो गई है। इन पदों पर योग्य युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे उचित नौकरी पा सकें। इसमें युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 12,106 संस्थानों ने अपने पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। यह प्रक्रिया 31 जुलाई तक लगातार जारी रहेगी। योजना के अनुसार, पदस्थापना प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू होगी और प्रशिक्षणार्थियों को उचित नौकरी दिलाने के लिए सरकार कड़ी मेहनत कर रही है।
विभिन्न विभागों में मिलेगी बेरोजगारों को नौकरी
यह योजना युवाओं के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण पहल है जो 15 जुलाई से शुरू हो गई है। इसके तहत, युवाओं को आवेदन करने का मौका मिल रहा है जो नौकरी और प्रशिक्षण के लिए इच्छुक हैं। युवा, प्रतिष्ठान और मध्य प्रदेश के बीच एक अनुबंध हस्ताक्षर का कार्य 31 जुलाई से ऑनलाइन रूप से किया जाएगा। इसके बाद, 1 अगस्त से विभिन्न प्रतिष्ठानों में युवाओं के प्रशिक्षण का प्रारंभ होगा, जिससे उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस प्रशिक्षण की अवधि एक माह होगी और इसके बाद, युवाओं को मानदेय राशि (स्टाइपेंड) का वितरण राज्य शासन द्वारा 1 सितंबर से किया जाएगा। इस समूह की सभी प्रक्रियाएँ ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा, जिससे युवाओं को आसानी से अपने आवेदन और प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करने में मदद मिलेगी।
योग्यता, दस्तावेज और अन्य जानकारियां
मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के निवासी युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के तहत, उम्र 18 से 29 वर्ष के युवाओं को शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत, युवा उम्मीदवारों को समग्र आईडी, शैक्षणिक योग्यता, और उच्चतर शिक्षा के प्रमाणपत्र (जैसे कि ITI, डिप्लोमा, स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता) की आवश्यकता होगी।
योजना के अनुसार, न्यूनतम शिक्षा का अधिकार धारी युवाओं को निम्नलिखित प्रतिमाह स्टाईपेंड दिया जाएगा।
- 12वीं या उससे कम कक्षा में उत्तीर्ण युवा: 8000 रूपये
- ITI उत्तीर्ण युवा: 8500 रूपये
- डिप्लोमा उत्तीर्ण युवा: 9,000 रूपये
- स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले युवा: 10,000 रूपये
योजना के तहत, संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा निर्धारित न्यूनतम स्टाईपेंड की 25% राशि बैंक खाते में जमा करानी होगी। राज्य शासन की ओर से निर्धारित स्टाईपेंड की 75% राशि प्रशिक्षणार्थियों को DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) से भुगतान की जाएगी। प्रतिष्ठान अपनी ओर से निर्धारित राशि से अधिक स्टाईपेंड देने के लिए स्वतंत्र होंगे। स्टाईपेंड का वित्तीय सहायता प्राप्त करने का अवधि एक वर्ष होगा।
इस योजना के अंतर्गत, युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। चिन्हित क्षेत्रों में विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रायबल, अस्पताल, रेलवे, IT सेक्टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड अकाउंटेंट, मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएँ, शिक्षा एवं प्रशिक्षण सहित 800 से अधिक सेवा क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेगा। ऐसी ही नौकरियों की अपडेट के लिए टेलीग्राम जॉइन करें।